ग्रामीणों ने की बिजली की मांग, सभी गांवों में सौर उर्जा की है व्यवस्था
बीहड़ जंगलों के बीच बसे जिले के 23 गांवों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। यहां सौर उर्जा की ही व्यवस्था से सबके घर रौशन हो रहे है। इन गांवों में विद्युत लगाने के लिए विद्युत विभाग के बीच सालों से चर्चा जारी है लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल नही हुई है।
नगरी ब्लॉक के बीहड़ जंगलों और नक्सल क्षेत्र के ग्राम आमाबहार, आमझर, चमेडा, ठोठाझरिया, फरसगांव, रिसगांव, गाताबहरा, जोरातराई, करका, साल्हे भाट, तुम बाहरा, खल्लारी, समेत 23 गांव है। जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। शाम होते ही इन गांवों की गलियों तथा घर सौर ऊर्जा से रोशन होते हैं। इस क्षेत्र के ग्रामीण कई सालों से इन गांवों में बिजली लाने को मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई पहल नही हो पाई है। आधुनिकता व इंटरनेट की दुनिया में इन गांवों में रह रहे करीब 3 से 4 हजार परिवारों की जिंदगी आज भी अंधेरे में है। हालांकि उनके गांवों में मोबाइल, टीवी, पंखे समेत सभी सामग्री व सुविधा सौर ऊर्जा के द्वारा संचालित होती है।
विद्युत ले जाने में कई समस्याएं
नगरी ब्लॉक के इन गांवों में विद्युत पहुंचाने शासन सालों से सिर्फ चर्चा ही हो रही है, लेकिन कई समस्याओं के कारण अब तक बिजली नहीं पहुंच पा रही है। कलेक्टर पी एस एल्मा ने बताया कि इस ब्लॉक के 23 गांव सीता नदी अभ्यारण्य क्षेत्र व उदंती टाइगर रिजर्व में जोड़ दिया गया है, जो की एक बड़ा भू-भाग है। इन गांवों में बिजली पंहुचाने के लिए शासन के द्वारा कई बार कोशिश हुई, लेकिन वन विभाग से अनुमति समेत कई समस्याएं आ रही है। यही वजह है कि इन गांवों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। इससे ग्रामीणों को कोई दिक्कत ना हो इसलिए इन गांवों में सौर ऊर्जा से प्रकाश की व्यवस्था व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।
सुहागिन महिलाओं ने रखा करवा चौथ का व्रत
सुहागिन महिलाओं ने 24 अक्टूबर को अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ की उपवास रख कर यह पर्व श्रधाभक्ति के साथ मनाया। यह व्रत भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए एक प्रमुख पर्व है। सुहागिन महिलाओं ने दिनभर निर्जला व्रत रखकर देर रात को पूजा के लिए सोलह श्रृंगार कर आकर्षक सजी। रात में चांद दिखने पर पूजा अर्चना कर पति के हाथ से जल पीकर महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए कामना की। इस अवसर पर कई लोगो ने अपनी पत्नियों को उपहार भी दिए ।
नया दंपति के लिए यह व्रत और भी खास होता है। पहली बार व्रत रखने वाली नव विवाहिताओं में करवा चौथ के लेकर बहुत उत्साह रहता है। सुहागिन महिलाओं का कहना है कि इस दिन पति – पत्नी से प्रेम, उपहार के अलावा सात जन्मों तक साथ निभाने और हर सुख – दुख में साथ निभाने के लिए यह वचन भी देते हैं। इस व्रत के माध्यम से अपने पति के दीर्घायु और सौभाग्य की कामना की जाती है।
मजदूर पंजीयन के लिए काट रहे दफ्तरों का चक्कर
ई – श्रमिक कार्ड बनाने के लिए इन दिनों मजदूरों को कलेक्ट्रेट का चक्कर काटना पड़ रहा है। जबकि यह पंजीयन च्वाइस सेंटर में भी हो रहा है। प्रचार प्रसार की कमी के चलते लोगो को भटकना पड़ रहा है। राज्य सरकार निर्माणी श्रमिकों के लिए दर्जन भर से ज्यादवजन कल्याणकारी योजनाएं संचालित है। इसमें भगिनी प्रसूति सहायता, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता, सायकिल सहायता, श्रमिक औजार सहायता, छात्रवृत्ति एवं मेघावी छात्र छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन, सिलाई मशीन के अलावा दुर्घटना में चिकित्सा सहायता, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा तथा सुरक्षा बीमा योजना आदि संचालित है। लेकिन इन योजनाओं का मजदूरों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रचार प्रसार की कमी के कारण पंजीयन के लिए मजदूरों को भटकना पड़ रहा है। यही वजह है कि वे कलेक्ट्रेट में श्रम विभाग का चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं। मजदूरों को पंजीयन के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। गांव के या किसी भी च्वाइस सेंटर में पंजीयन हो जायेगा। विविध योजनाओं का लाभ लेने के लिए करीब 73 हजार आवेदन लंबित है। फंड मिलते ही हितग्राहियों को लाभांवित किया जायेगा।