डेढ़ साल बाद धूमधाम से हो सकेंगी शादियां, कोरोना गाइडलाइन की बंदिशे नहीं

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     खत्म हुई बंदिशे, अब बजेंगी शादियों में शहनाइयां

    अब बजेंगी शादियों में शहनाइयां

    देवउठनी एकादशी 14 नवंबर को हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। देवउठनी के बाद एक बार फिर से शादियों का सिलसिला शुरू होगा। कोरोना के कारण बीते दो साल से लोग मार्च से अब भी घबरा रहे हैं लोग…

    कोरोना के कारण मार्च से सभी बंदिशें लग गई। ऐसे में शादियां धूमधाम से होना ही बंद हो गया । अब कोरोना से काफी हद तक निकल चुके हैं। बड़े पैमाने पर अब लगभग सभी जिलों में वैक्सीनेशन भी हो चुका है। ऐसे में फिर एक बार धूमधाम से बारात निकलना एवं शादियां होना शुरू होने जा रहा है। 14 नवंबर को हर्षोल्लास और श्रद्धाभाव से देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। देवी-देवता भी जाग उठेंगे। देवउठनी के बाद 15 नवंबर से फिर शादियों के शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। 10 जुलाई 2022 को देवशयनी एकादशी पर शादियों के मुहूर्त समाप्त हो जाएंगे।

    ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि देवउठनी एकादशी 14 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु पाताल लोक से सोकर उठेंगे। 15 नवंबर को एकादशी व्रत होगा। फिर एकादशी तिथि का प्रारंभ 14 नवंबर को सुबह 5:48 बजे से होगा और समाप्ति 15 नवंबर को सुबह 6:39 बजे होगी। इस साल एकादशी तिथि 2 दिन मनाई जाएगी। 14 नवंबर को देवप्रबोधनी व्रत होगा और एकादशी व्रत 15 नवंबर को होगा। चातुर्मास का आरंभ बीते हुए 20 जुलाई 2021 को हुआ था। चातुर्मास में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य प्रारंभ नहीं किए जाते हैं।

    जिस दिन भगवान विष्णु की शयन काल समाप्त होता है, उस दिन होने वाली एकादशी को देवउठनी कहा जाता है। भगवान विष्णु जी का शयन काल समाप्त होते हैं फिर शुभ और मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं और शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो जाती है। इस बार हिंदू धर्म में विवाह का प्रथम शुभ मुहूर्त 15 नवंबर 2021 को है। नवंबर माह में कुल 7 शुभ मुहूर्त और दिसंबर में 6 शुभ मुहूर्त है। 10 जुलाई 2022 को देव शयनी एकादशी पर शादियों का शुभ मुहूर्त समाप्त हो जाएंगे।

    ज्योतिषाचार्य देवधर शास्त्री जी बताते हैं कि देवउठनी के साथ ही विवाह का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा। जिनमें कुछ अबूझ मुहूर्त भी शामिल होंगे। अबूझ मुहूर्त में कोई भी अच्छा कार्य और शादी की जा सकती है। इसके लिए पंडित से सलाह लेने की भी ज़रूरत नही होती है। 15 नवंबर 2021 को देवउठनी एकादशी के चलते अबूझ मुहूर्त विवाह के लिए रहेगा। 3 मई को अक्षय तृतीया, 10 मई को जानकी नवमी, 9 जून को गंगा दशमी एवं 18 जुलाई को भड़ली नवमी पर विवाह का अबूझ मुहूर्त रहेगा।

    कोरोना के कारण लगभग दो साल शादियों का सीजन ठप रहा है। ऐसे में लोगों में अब धूमधाम से शादियो को लेकर काफी उत्साह है। नवंबर की बुकिंग लगभग फुल हो चुकी है। कुछ ही तारीखों में बैंड बाजा व भवन उपलब्ध है। दो साल बाद फिर से अब बैंड बाजा, बारात धूमधाम से निकलेंगी। ऐसे में नए सिरे से पूरा काम करना पड़ रहा है। शहर में मैरिज स्थल की बुकिंग शुरू हो गई है। फरवरी तक बुकिंग तो बहुत अधिक है, लेकिन मार्च के बाद की बुकिंग बहुत कम है। कोरोना के कारण बीते दो साल में हुए अनुभवों के कारण लोग मार्च में शादी रखने से घबरा रहे हैं।

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