तीजा पोला: यह पर्व का महत्व,क्यों तथा कैसे मनाये जाते है ?

0
55
तीजा पोला
तीजा-पोला-त्यौहार

तीजा पोला त्यौहार :Teeja pora festival.

भारत एक कृषि प्रधान देश है,यह पोला का त्यौहार विशेष रूप से छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में मनाया जाता है, पोला के दिन किसान और अन्य लोग पशुओं की विशेष रूप से बैल की पूजा करते है, उन्हें अच्छे से सजाते है पोला को बैल पोला भी कहा जाता है| तीजा पोला, जिसे हम चितौड़ अथवा तीज नाम से भी जानते हैं, एक हिंदू पर्व है जो भारतीय महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है।  यह पर्व भगवान शिव और पार्वती की धारणा और उनके प्यार का प्रतीक है और स्त्री शक्ति की महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है। इस ब्लॉग में, हम आपको तीजा पोला का महत्व, मनाने का तरीका, और क्यों मनाया जाता है इसके पीछे के कारणों के बारे में जानकारी देंगे।

धारणा का महत्व: importance of perception.

तीजा पोला धारणा के रूप में मनाया जाता है, जिसमें पतिव्रता स्त्री अपने पति की दीर्घायु और खुशहाली की कामना करती हैं। यह पर्व महिलाओं के लिए उनके पतिव्रत्ता और प्यार की महत्वपूर्ण धारणा है और उन्हें अपने पति के साथ अच्छे रिश्तों की कामना करने का अवसर प्रदान करता है।

तीजा पोला कब और क्यों मनाया जाता है: When and why Teeja Pola is celebrated.

तीजा पोला चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है, जब महिलाएं व्रत रखकर अपने पतिव्रत्ता की दीर्घायु और सुख-शांति की कामना करती हैं। इस दिन महिलाएं उपवास करती हैं और व्रत के दौरान शिव पार्वती की पूजा करती हैं।

 तीजा पोला कैसे मनाया जाता है:How is Teeja Pola celebrated. 

तीजा पोला के दिन महिलाएं सुबह से ही उठकर स्नान करती हैं और फिर व्रत का पालन करती हैं। वे अपने पतिव्रत्ता की मृत्यु और खराब समय से बचाने की कामना करती हैं। पूजा के बाद, वे एक विशेष प्रकार के भोजन का आयोजन करती हैं और अपने पति के साथ खाती हैं।

तीजा पोरा के कितने दिन तक मनाया जाता है? For how many days is Teeja Pora celebrated?

छत्तीसगढ़ में तीजा teeja एक दिन का पर्व नही बल्कि तीन दिनों का उत्सव होता है। पहले दिन महिलाएं करु करेला यानी कड़वे करेले की सब्जी खाकर उपवास प्रारंभ करती है, दूसरे दिन कठोर निर्जला उपवास रखती है। तीसरे दिन 16 श्रृंगार धारण कर अपने पति को स्मरण करते हुए महादेव और पार्वती की पूजा करते है। और तरह-तरह के फल और व्यंजनों को ग्रहण कर अपना व्रत तोड़ती है। इसे फरहर करना कहा जाता है।

गांव में तीजा कैसे मनाते है:for  how many days is Teeja Pora celebrated?

तीजा teeja pora त्योहार की धूम शहरों से ज्यादा गांव में दिखती है। गांव में हर घर मेहमान और पकवानों की खुशबू से माहौल खुशनुमा रहता है। मायके आई बेटियां अपने सखी सहेलियों से मिलती है साथ खेलती और झूले भी झूलती है।

इस दिन खेती की नहीं होती अनुमति: Farming is not allowed on this day.

पोला पर्व की पूर्व रात्रि को गर्भ पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन अन्न माता गर्भ धारण करती है। अर्थात धान के पौधों में दुध भरता है। इसी कारण पोला के दिन किसी को भी खेतों में जाने की अनुमति नहीं होती। दूसरी ओर पर्व के दिन कई तरह के खेलों का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें खो—खो, कबड्डी जैसे अन्य प्रचलित खेल खेले जाते हैं। इन खेलों को खेलने से लोगों में पर्व को लेकर अलग ही उत्साह नजर आता है।

समापन: Ending

तीजा पोला हिंदू समाज में अत्यधिक महत्व रखने वाला एक पर्व है जो स्त्री शक्ति और पतिव्रता धारणा का प्रतीक है। इसे सावधानी और श्रद्धा से मनाकर हम इस पर्व के महत्व को समझ सकते हैं और अपने परिवार के साथ इसे खुशियों के साथ मना सकते हैं। और इसी तरीके के अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहिये  WWW.CGGYAN.IN