पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय:परीक्षा में कम या ज्यादा नंबर क्यों मिले? छात्र देख सकेंगे आंसरशीट, इस बार पुनर्मूल्यांकन भी
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा में किसी छात्र को कम या ज्यादा नंबर क्यों मिले? पूछे गए सवालों के जो जवाब लिखे उसके अनुसार नंबर मिले या नहीं? इसकी जानकारी छात्र अब अपनी जंची आंस शीट देखकर ले सकेंगे। कोरोना के तीन साल बाद इस साल फिर से मूल्यांंकित आंस शीट देने की सुविधा शुरू की जा रही है।
![]() |
why-did-you-get-more-or-less-marks-in-the-exam-students-will-be-able-to-see-the-answer-sheet-this-time-revaluation |
ऑनलाइन एग्जाम होने की वजह से यह सुविधा बंद कर दी गई थी। इस बार परीक्षा ऑफलाइन हो रही है। इसलिए आंस शीट दिखाने के साथ ही पुनर्मू ल्यांकन व पुनर्गणना का प्रावधान भी किया गया है। यह सुविधा भी कोरोना में बंद थी। अफसरों का कहना है कि कोरोना में छात्रों को घर से पेपर देने की सुविधा दी गई थी। इसलिए दोबारा मूल्यांकन और आंस शीट दिखाने की पात्रता खत्म की गई थी। लेकिन इस बार परीक्षा सामान्य तरीके से हो रही है। छात्र केंद्रों में पेपर दे रहे हैं। इसलिए यह सुविधाएं फिर दी जा रही हैं।
पिछले दिनों हुई कुछ सेमेस्टर परीक्षाएं ऑफलाइन ली गई है। इसमें शामिल होने वाले सभी छात्रों को पात्रत ानुसार पुनर्मू ल्यांकन व पुनर्गणना की सुविधा दी गई है। रिजल्ट आने के बाद कई छात्रों ने इसके लिए आवेदन भी किया है। वार्षिक परीक्षा में भी यही सिस्टम रहेगा।
बोर्ड परीक्षाओं में भी आंसरशीट की फोटोकॉपी लेने की सुविधा
दसवीं-बारहवीं सीजी बोर्ड में भी छात्रों को मूल्यांकित आंसरशीट देने का प्रावधान है। रिजल्ट के बाद छात्र पुनर्मूल्यांकन, पुनर्गणना के साथ ही मूल्यांकित आंसरशीट के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। सीजी बोर्ड की परीक्षा अभी चल रही है। दसवीं की परीक्षा 24 मार्च को और बारहवीं की परीक्षा 31 मार्च को खत्म होगी। बोर्ड के नतीजे 15 मई से पहले जारी होने की संभावना है। क्योंकि, मूल्यांकन का काम इसी महीने से शुरू हो जाएगा। पुराने सिस्टम के तहत नतीजे आने के बाद बोर्ड परीक्षाओं के छात्र भी रीवैल के लिए आवेदन कर सकेंगे। आंसरशीट देखने वाले छात्रों को भी उनकी उत्तरपुस्तिका उपलब्ध करवा दी जाएगी। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।
पुनर्मूल्यांकन व पुनर्गणना के लिए मिलते थे 22 हजार से ज्यादा फार्म
कोरोना से पहले रविवि की ओर से जब पुनर्मूल्यांकन व पुनर्गणना यानी कापियों को दोबारा जांचने की सुविधा दी जाती थी तब 22 हजार से ज्यादा छात्र आवेदन करते थे। रीवैल के बाद कई छात्रों के नंबर भी बढ़ते थे। कई ऐसे छात्र होते थे जो फेल और पूरक से पास भी हो जाते थे। इससे छात्रों को फायदा और राहत दोनों मिलती थी। इस साल फिर से छात्रों को पुनर्मूल्यांकन या पुनर्गणना की पात्रता दी दा रही है। इसलिए माना जा रहा है कि वार्षिक परीक्षा के नतीजों के बाद इस साल भी 20 हजार से ज्यादा आवेदन मिलेंगे। आंसरशीट दोबारा जंचवाने के लिए विवि प्रशासन शुल्क भी लेता है। इससे विवि की कमाई भी बढ़ती है।