बच्चों को लुभाने के लिए कवर को बनाया जायेगा आकर्षक, पाठ्य पुस्तक निगम ने छपवाई किताब
पुस्तक के कवर को बनाया जायेगा आकर्षक |
छत्तीसगढ़ की सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के बच्चों को सत्र 2021-2022 में अक्षर ज्ञान के साथ-साथ संविधान का अध्याय भी पढ़ाया जाएगा। छ.ग. के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश देने के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने पुस्तक की रचना की है और छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम ने किताब प्रकाशित कर स्कूलों तक पहुंचाया है। छात्र-छात्राओं को अपने संविधान के बारे में जानकारी हो इस मकसद से पहली से पांचवीं तक के बच्चों को “भारत का संविधान” तथा छठवीं से आठवीं तक के बच्चों के लिए “हम भारत के लोग” शीर्षक से पुस्तक दी गई है। प्रदेश में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में 35 लाख बच्चे अध्यनरत है।
बच्चों को मिलेगी यह जानकारी
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भारत का संविधान हमारे महान लोकतंत्र के संचालन का आधार है। यह संविधान शासन प्रशासन ही नहीं, बल्कि प्रत्येक भारतीय के अधिकारों और कर्तव्यों का मार्गदर्शक भी है। पुस्तक में बच्चों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना, संविधान निर्माण, मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार, नीति निदेशक तत्व आदि से अवगत कराया जायेगा।
7वीं के बच्चे राजीव को भी पढ़ेंगे
कक्षा सातवी की हिंदी पुस्तक में इसी सत्र से बच्चे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी पढ़ेंगे। पाठ्यक्रम में अभी पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रपति मिसाइलमैन डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम और पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन से संबंधित अध्याय हिंदी और संस्कृत की पुस्तक में सम्मिलित की गई है। इसके अलावा राज्य की महान विभूतियों में बच्चे महासमुंद की बालिका दयावती बाई के बारे में भी पढ़ेंगे।
पुस्तक में वीरों की कहानी भी
संविधान के साथ बच्चे दयावती बाई, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में शहीद वीर नारायण सिंह, हनुमान सिंह और वीरांगना रानी अवंती बाई, क्रांतिकारी नारायण सिंह, वीर सुरेन्द्र साय, हीरालाल, तुलाराम परगनिहा (इन्होंने हजारों एकड़ जमीन दान किया था), वीर हनुमान सिंह, पं. माधवराव सप्रे, पं. वामनराव लाखे, पं. रविशंकर शुक्ल, हरिनाथ डे, पं. सुंदरलाल शर्मा, घनश्याम सिंह गुप्त, पं. लोचन प्रसाद पांडेय, बैरिस्टर छेदीलाल, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, रघुवेंद्र राव, पं. मुकुटधर पांडेय, रामदयाल तिवारी, डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र, डॉ. खूबचंद बघेल को बच्चों के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा। साहित्यकारों में बंदे अली फातमी, पदुम लाल पुन्नालाल बक्शी, मुंशी अब्दुल रऊफ मेहदी, लाल प्रद्युमन सिंह सहित आदि विभूतियों को भी पढ़ाने की तैयारी चल रही है।
बचपन से ही नैनिहालों में राष्ट्रीयता की भावना विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पहली बार भारतीय संविधान को पढ़ाने के लिए अलग से किताब बच्चों को दी जाएगी। बच्चों के अभिभावक और उनके शिक्षकों से आग्रह है कि वे बच्चों को बचपन से ही संविधान के मूल्यों के प्रति अवगत कराया जाए।
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