शादीशुदा महिला के पैन कार्ड में पति की जगह पिता का नाम क्यों होता है ll Why is the father’s name in place of the husband’s in the PAN card of a married woman?

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     शादीशुदा महिला के पैन कार्ड में पति की जगह पिता का नाम क्यों होता है? Why is the father’s name in place of the husband’s in the PAN card of a married woman?

    PAN card

    भारत में एक लड़की की शादी होने के बाद उसकी पहचान बदल जाती है। तमाम सरकारी दस्तावेजों में और पहचान पत्रों में पिता के स्थान पर पति का नाम दर्ज किया जाता है।

    लेकिन पैन कार्ड एक ऐसा दस्तावेज है जिसमें शादी के बाद भी लड़की के पिता का नाम प्रदर्शित होता है आखिर क्यों आयकर विभाग पति को मान्यता नहीं देता है।

    ऐसा नहीं है कि आयकर विभाग पति या परिवार को मान्यता नहीं देता बल्कि विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों में पूरे परिवार की जानकारी होती है। पैन का फुल फॉर्म परमानेंट अकाउंट नंबर है।

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    परमानेंट का आशय मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु तक एक ही अकाउंट नंबर होना। भले ही विवाह सात जन्मों का बंधन हो परंतु कानून में तलाक की व्यवस्था भी है।

    मान लीजिए कि एक औरत के पति की मृत्यु हो जाती है और फिर औरत दूसरी शादी कर लेती है तो उसके पति का नाम बदल जायेगा। जिसके लिए पैन कार्ड को फिर से अपडेट करवाना पड़ सकता है।

    इसलिए पिता के नाम को ही स्वीकृति दी जाती है। अगर पिता की मृत्यु होती भी है तो उनका रिश्ता तो वही रहेगा। बस इसी कारण से पैन कार्ड में पति के नाम की जगह पिता के नाम को ज्यादा महत्व दिया जाता है।

    “दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को यह जानकारी अच्छी लगी होगी। हम आपको इसी तरह की सभी जानकारी से अपडेट कराते रहेंगे।”


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