सहारा इंडिया में निवेश कर चुके लाखों निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। अब उनको अपने पैसे लेने के लिए बहुत समय तक इंतजार नहीं करना होगा। दरअसल, कल यानी 18 जुलाई को सहकारिता मंत्री अमित शाह सहारा रिफंड पोर्टल (Sahara Refund Portal) लॉन्च करेंगे। इस पोर्टल के जरिये जिन निवेशकों का पैसा दिया जाएगा, जिनकी निवेश अवधि पूरी हो चुकी है। वे अपने पैसे मिलने का इंतजार कर रहें हैं। इस पोर्टल पर सहारा के निवेशकों को पैसा वापस पाने की पूरी प्रोसेस की जानकारी दी जाएगी। आपको बता दें कि देशभर के लाखों छोटे निवेशकों का पैसा सहारा इंडिया में फंसा है। गांवों और कस्बे के लोग लंबे समय से पैसे मिलने का इंतजार कर रहे हैं। अब सरकार ने इस पर पहल करते हुए सहारा रिफंड पोर्टल लॉन्च कर रही है। इसके जरिये निवेशकों का पैसा लौटाया जाएगा।
ब्याज सहित पैसे लौटाने का किया गया था वादा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सहारा समूह द्वारा चलाई जा रही चार सहकारी समितियों के 10 करोड़ से अधिक निवेशकों को उनका पैसा ब्याज सहित मिलेगा। गौरतलब है कि इन निवेशकों का धन इन चार सहकारी समितियों में फंसा हुआ है। उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह की सहकारी समितियों में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश जारी किया है। शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय लगातार इस मामले को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने निवेशकों से अपने दावे केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक को भेजने के लिए कहा था।
सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस को सैट से मिली थी राहत
हाल ही में सहारा इंडिया लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को बड़ी राहत देते हुए प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने दो लाख पॉलिसी एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस को हस्तांतरित करने के बीमा नियामक इरडा के आदेश पर ?रोक लगा दी थी। सैट का यह आदेश सहारा इंडिया लाइफ की उस अपील पर आया है जिसमें भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के आदेश को चुनौती दी गई थी। इरडा ने गत दो जून को पारित अपने आदेश में सहारा इंडिया लाइफ का पूरा कारोबार एसबीआई लाइफ को हस्तांतरित करने को कहा था। इसके अलावा बही खातों एवं बैंक खातों को भी स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था। सहारा समूह की बीमा कंपनी की बिगड़ती वित्तीय सेहत को देखते हुए इरडा ने यह फैसला किया था। इसके खिलाफ सहारा इंडिया लाइफ ने सैट में अपील की थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने मंगलवार को पारित अपने आदेश में कहा कि इरडा के इस आदेश के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगाई जा रही है। यह मामला अब तीन अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।