सहारा इंडिया में देश के करोड़ों लोगों ने निवेश किया था, लेकिन अब वे अपने ही पैसे के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। हालांकि कंपनी की ओर से बीते दिनों एक पत्र जारी कर यह कहा गया था कि कंपनी ने निवेशकों के पैसे सेबी को दे दिए हैं, लेकिन अब तक कई निवेशक अपने पैसे वापस पाने के लिए भटक रहे हैं। वहीं, एक निवेशक की याचिका पर जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है।
Sahara India Latest News Update मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि सिधवलिया थाना क्षेत्र के परसौनी गांव के केशव कुमार सिंह ने सहारा इंडिया की बरौली शाखा में सहारा क्यूशाप यूनियन प्रोडक्टस लिमिटेड स्कीम के तहत तीन फिक्स के माध्यम से कुल 59,900 रुपए जमा किया था। उन्होंने दायर वाद में आरोप लगाया कि परिपक्वता पर छह वर्ष बाद मूलधन का सवा दो गुना प्राप्त होना था। परिपक्वता तिथि बीतने के बाद भी सहारा इंडिया ने परिपक्व राशि का भुगतान नहीं किया।
इसके बाद निवेशक ने सहारा इंडिया कमर्शियल लिमिटेड लखनऊ, सहारा इंडिया की गोपालगंज शाखा के प्रबंधक तथा बरौली शाखा के प्रबंधक वीरेंद्र प्रसाद के खिलाफ जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में मुकदमा किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान परिपक्वता पर जमा राशि का सवा दो गुना राशि मिलने का आवेदक का दावा प्रमाणित नहीं हुआ।
ऐसे में आयोग के अध्यक्ष जनार्दन त्रिपाठी तथा सदस्य मनमोहन कुमार ने विपक्षी गण को एकल या संयुक्त रूप से वादी के जमा रुपये का भुगतान नौ प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने का आदेश दिया। इसके साथ ही आवेदक को हुई शारीरिक, आर्थिक और मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 10 हजार रुपये व मुकदमा खर्च के लिए तीन हजार रुपये का भुगतान दो माह के अंदर करने का आदेश भी दिया है।
आपको बता दें कि सहारा इंडिया के निवेशकों का पैसा फंसे होने का यह अकेला मामला नहीं है। बिहार की अलग-अलग अदालतों के साथ ही पटना हाई कोर्ट में भी इसकी सुनवाई हो चुकी है। पटना हाई कोर्ट में सहारा की ओर से कहा गया कि उनका पैसा सेबी ने रोक रखा है। सेबी से उनके फंड पर लगी पाबंदी खत्म होते ही निवेशकों को पैसा लौटा दिया जाएगा।
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